आकांशा शर्मा : बहुत समय पहले की बात है दो दोस्ते थे राम और श्याम| एक दिन श्याम राम के पास आया और बोला, ‘में इस समय बहुत दुखी हूँ | मेरे पास फूटी कौड़ी तक नहीं है, क्या तुम मेरी कुछ मदद कर
सकते हो |‘
राम उसकी बात सुनकर सोच में पड़ गया और काफी देर बाद बोला मेरा एक दोस्त है जो अंगो का व्यापार करता है तुम उससे मिलो और उसे अपनी आंखे बेच दो वो तुम्हे दोनों आँखों के 20,000 दे
देगा ..
श्याम को सुनकर बहुत अचम्भा हुआ और बोला कभी नहीं मैं अपनी आँखे कभी नई बेचूंगा आँखें देदी तो देखूंगा कैसे ...फिर श्याम बोला चलो फिर 50,000 मैं अपने दोनों हाथ बेच दो इससे
तुम्हारी काफी मुश्किलें दूर हो जाएंगी..श्याम गुस्से मैं लाल होकर बोला हरगिज नहीं और बोला तुमसे मुझे ऐसी आशा नहीं थी
राम बोला दोस्त में तुम्हारी परेशानी को समझता हूँ | इसीलिए कह रहा हूँ, तुम्हारे लिए यह सौदा फायदेमंद रहेगा | यदि तुम धनवान बनना चाहते हो, एक लाख में अपना यह शरीर बेच डालो |
हमेशा-हमेशा के लिए परेशानियो से छुटकारा मिल जाएगा
तुम एक लाख की बात करते हो , में एक करोड़ में भी यह शरीर नहीं बेचूंगा | तब राम मुस्कराते हुए बोला , ‘जो व्यक्ति एक करोड़ में भी अपना जिस्म बेचने को तैयार न हो, वह कैसे कहता है
की उसके पास कुछ भी नहीं है | अरे, भाई यह शरीर अमूल्य है | परिश्रम करो, सफलता अवश्य मिलेगी |’
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