Monday, 9 January 2017

केवल दर्शन से ही मृतक भी हो जाते हैं जीवित




आकांशा शर्मा : मृत व्यक्ति दोबारा जीवित नहीं हो सकता यहीं जीवन का सत्य है,मृत्यु के पश्चात आत्मा शरीर का त्याग कर देती है।  जन्म और मृत्यु भगवान के हाथ में है। लेकिन देहरादून में एक ऐसा स्थान है, जहां पर किसी मृत व्यक्ति को  ले जाया जाए तो वह पुन: जीवित हो जाता है। देहरादून से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लाखामंडल नामक स्थान यमुना नदी की तट पर बर्नीगाड़ नामक जगह से सिर्फ 4-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|। समुद्र तल से इस स्थान की ऊंचाई लगभग 1372 मीटर है।

इस मंदिर की खासियत यह है की यहां अगर किसी मृत व्यक्ति को लाया जाये तो वे पुनः जीवित हो जाता है ,लोगो का यह भी कहना है की युधिष्ठिर ने अज्ञातवास के समय यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। आज भी यह शिवलिंग महामंडेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है। यहां एक खूबसूरत मंदिर का निर्माण भी करवाया गया था।शिवलिंग के सामने दो द्वारपाल पश्चिम की और देखते हुए खड़े हुए दिखाई देते हैं।

माना जाता है कि मंदिर में यदि किसी शव को इन द्वार पालों के सामने रखकर मंदिर का पुजारी जल छिड़के तो वह व्यक्ति कुछ समय के लिए पुन: जीवित हो जाता है। जब वह व्यक्ति जीवित हो जाता है तो उसे गंगाजल दिया जाता है। गंगाजल ग्रहण करने के पश्चात उसकी आत्मा फिर से उसका शरीर त्यागकर चली जाती है। इससे संबंधित रहस्य के बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया।


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