Thursday 17 November 2016

क्यों करते हैं नमस्ते



हिन्दू शास्त्रों के अन्तर्गत अभिवादन करने के पांच तरीके बताये  गए है जिन में से एक है “नमस्कारम”जिन में से एक है “नमस्कारम”।नमस्कार कई प्रकार से किआ जाता है | संस्कृत में विच्छेद करें तो  नमस्ते दो शब्दों से बना है नमः + ते।नमः का मतलब होता है मैं (मेरा अंहकार) झुक गया।ऐसा माना  गया है की नमस्ते  करने से व्यक्ति दूसरे  व्यक्ति के सामने अपना अहंकार कम कर रहा  है । नमस्ते करते समय में दोनों हाथो को जोड़ कर एक कर दिया जाता है जिसका अर्थ है की इस अभिवादन के बाद दोनों व्यक्ति के दिमाग मिल गए | हम बड़ों के पैर क्यों छूते है ?भारत में बड़े बुजुर्गो के पाँव छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। अच्छे भावः से किया हुआ सम्मान के बदले बड़े लोग आशीर्वाद देते है जो एक सकारात्मक ऊर्जा होती है।


आदर के निम्न प्रकार है :
* प्रत्युथान : किसी के स्वागत में उठ कर खड़े होना
* नमस्कार : हाथ जोड़ कर सत्कार करना

* उपसंग्रहण : बड़े, बुजुर्ग, शिक्षक के पाँव छूना
* साष्टांग : पाँव, घुटने, पेट, सर और हाथ के बल जमीन पर पुरे लेट कर सम्मान करना
* प्रत्याभिवादन : अभिनन्दन का अभिनन्दन से जवाब देना


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