ओणम केरल का एक प्रमुख त्योहार है। यह सितम्बर-अक्टूबर
में मनाया जाता है। इस दिन सुन्दर फूलों से घरों को सजाया जाता है। महिलायें और लड़कियां
इस दिन नाचने गाने में मस्त रहती हैं, और पुरूष तैरने और नौका-दौड़ में सम्मिलित |
कहा जाता है कि इस दिन राजा महाबली आशीर्वाद देने पाताल लोक से आते हैं। यह प्राचीन राजा महाबली के याद मे मनाया जाता है। यह पर्व दस दिनों तक चलाता है, इन दस दिनों मे घरों में फूलों की रंगोली बनाई जाती है|
'ओणम' के माध्यम से नई संस्कृति को अपनी अध्यात्मीकता जानने का मौका मिलता है। इस अवसर पर महिलाओं द्वारा आकर्षक 'ओणमपुक्कलम' (फूलों की रंगोली) बनाई जाती है। और केरल की प्रसिद्ध 'आडाप्रधावन' (खीर) का वितरण किया जाता है। ओणम के उपलक्ष्य में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा खेल-कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इन प्रतियोगिताओं में लोकनृत्य, शेरनृत्य, कुचीपु़ड़ी, ओडि़सी, कथक नृत्य प्रतियोगिताएँ प्रमुख हैं।
यह त्योहार फसलों की कटाई से संबंधित है। शहर में इस त्योहार को सभी समुदाय के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। ओणम मलयालम कैलेंडर के पहले माह 'चिंगम' के प्रारंभ में मनाया जाता है। यह पर्व चार से दस दिनों तक चलता है जिसमें पहला और दसवाँ दिन सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है।
No comments:
Post a Comment