आकांशा
शर्मा :-
भगवान् विश्वकर्मा की जयंती देशभर मैं प्रतयेक वर्ष १७ सितम्बर को मनाई जाती है, पर देश के कुछ भागो मैं इसे दीपावली के अगले दिन भी मनाया जाता है। कुछ लोग उसे गोवर्धन पूजा के रूप मैं मानते है तो कुछ विश्वकर्मा पूजा के रूप मैं मानते है|
लोगो का मानना है की इस दिन धन-धान्य और सुख-समृद्धि की अभिलाषा रखने वाले पुरुषों को बाबा विश्वकर्मा की पूजा करना आवश्यक और मंगलदायी होता है। हमारे धर्मशास्त्रों और ग्रथों में विश्वकर्मा के पांच स्वरुपों और अवतारों का वर्णन है. विराट विश्वकर्मा, धर्मवंशी विश्वकर्मा, अंगिरावंशी विश्वकर्मा, सुधन्वा विश्वकर्म और भृंगुवंशी विश्वकर्मा..
ओम आधार शक्तपे नम: और ओम् कूमयि नम: ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:
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